Thursday, December 23, 2021

कुछ नज़्म लिखूँ

मैं चाहता हूँ कुछ नज़्म लिखूं,
कुछ कविता, कुछ पंथ, ग़ज़ल नए,
कुछ अपना संसार लिखूं,
जीवन के कोरे पन्नों पर तेरा ही प्यार लिखूँ!

कुछ तुम्हारी मुस्कान पर,
कुछ मासूमियत पर,
कुछ उस गुस्से पर
कुछ हुश्न पर तो एकाध सादगी पर!