चलो अब कुछ नया आजमाते हैं,
आसमानों में बहुत उड़ लिए,
अब पांव जमीन पे लाते हैं,
चलो अब कुछ नया आजमाते हैं!
आसमानों में बहुत उड़ लिए,
अब पांव जमीन पे लाते हैं,
चलो अब कुछ नया आजमाते हैं!
अपने दिल की खिड़कियों से,
नए रिश्तों में प्यार की इबारत,
फिर से जीने का जूनून,
और मासूम मुस्कान में शरारत ,
ताज़गी हवा में प्यार घोलती,
उन भ्रमरों के गुंजन को नव गान बनाते हैं,
चलो ना यार, कुछ नया आज़माते हैं !!
नए रिश्तों में प्यार की इबारत,
फिर से जीने का जूनून,
और मासूम मुस्कान में शरारत ,
ताज़गी हवा में प्यार घोलती,
उन भ्रमरों के गुंजन को नव गान बनाते हैं,
चलो ना यार, कुछ नया आज़माते हैं !!
कहानियां लिख डाली बहुत,
रचे नवल किरदार बहुत,
उन गीतों, उन कहानियों की ,उस पनघट की,
राधा की गगरी को, उस कान्हा की मस्ती को,
अब फिर जीवंत बनांते हैं,
चलो यार अब कुछ नया आजमाते हैं !
रचे नवल किरदार बहुत,
उन गीतों, उन कहानियों की ,उस पनघट की,
राधा की गगरी को, उस कान्हा की मस्ती को,
अब फिर जीवंत बनांते हैं,
चलो यार अब कुछ नया आजमाते हैं !
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-अविनाश पाण्डेय "अवि"