Tuesday, June 15, 2021

रिटायरमेंट

मैंने कभी तुम्हे अकेला नहीं देखा,

घिरे रहते थे तुम हमेशा

लोगों से

बड़े सुकून से देखा था तुम्हे –

लम्बे लम्बे नक्शों को जोडती लकीरें खीचते!

 

वो कैलकुलेटर जो तुम्हारे साथ बूढ़ा हुआ,

वो लकड़ी की कुर्सी, जिसके निचे तुम फोम वाली

गद्दी लगाके बैठते थे,

और वो बाबा आदम के ज़माने का बक्शा जिसमे ऑफिस के

सब कागजात समेट कर रखे थे,

वो कलर्ड पेन्सिल्स जो तुम्हे चुनाव में मिली थीं

वो स्केल, मार्कर, पेन, और वो जंग लगी आलपिन का डब्बा !!

 

एक तुम नहीं थे, एक दुनिया थी तुम्हारे साथ ....

ये सब रिटायर हो जायेंगे तुम्हारे साथ!!

- अवि

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