मेरी कवितायेँ बस चन्द अल्फ़ाज़ नहीं हैं,
कुछ भावानाएँ हैं जो पन्नों में बिखरी हैं,
उन्हें शब्दों में पीरोने की एक कोशिश है,
कुछ यादें हैं जो अरसे से शब्दों की तलाश में थे,
और उन्ही यादों में कुछ धूमिल से चेहरे,
जिनको लिखने की कोशिश है...
Saturday, August 19, 2017
अंधकार अनिवार्य है
हर प्रदीप की पृष्टभूमि में
अंधकार अनिवार्य है .
बिना सघनता क्षुद्र विरलता
कर सकती विस्तार नहीं,
बिना मिले परिवेष शून्य का,
सज पाता आकार नहीं,
हर प्रदीप की पृष्टभूमि में
अंधकार अनिवार्य है .
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